hi_psa_tn/141/01.txt

38 lines
2.0 KiB
Plaintext

[
{
"title": "सामान्य जानकारी",
"body": "समानता की बातों का तरीका इबरानी कवितायों में आम बात है"
},
{
"title": "दाऊद का भजन",
"body": "दाऊद ने इसे लिखा या यह दाऊद के बारे में है"
},
{
"title": "पुकारा है",
"body": "सहायता माँगी है"
},
{
"title": "मेरे लिये फुर्ती कर",
"body": "मेरी सहायता के लिए जल्दी कर "
},
{
"title": "जब मैं तुझको पुकारूँतब मेरी ओर कान लगा",
"body": "मैं तुम से विनती करता हूँ कि जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे"
},
{
"title": "मेरी प्रार्थना तेरे सामने सुगन्ध धूप ठहरे",
"body": "मेरी प्रार्थना तुम्हे ऐसे खुश करे जैसे लोग धूप की सुगन्ध से प्रसन्न होते हैं "
},
{
"title": "मेरी प्रार्थना",
"body": "भजन लिखने वाला चाहता है कि परमेश्‍वर उसकी प्रार्थाना और इसके शब्दों से प्रसन्न हो"
},
{
"title": " मेरा हाथ फैलाना",
"body": "अपने हाथ उठाना"
},
{
"title": "संध्याकाल का अन्नबलि ठहरे",
"body": "भजन लिखने वाला चाहता है परमेश्‍वर ऐसे प्रसन्न हो के उन लोगों से होता है जो संध्याकाल बलि देते हैं"
}
]