hi_psa_tn/119/95.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूँ",
"body": "मैं इन्हे समझने की पूरी कोशिश करुँगा"
},
{
"title": "प्रत्येक पूर्णता की सीमा होती है",
"body": "सब चीजों का एक अंत होता है"
},
{
"title": "परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा और सीमा से परे है",
"body": "पर तेरी आज्ञाएं अनादि हैं"
}
]