hi_psa_tn/119/37.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मेरी आँखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे",
"body": "यह उन वस्तुओं के बारे में है जो अनादि नहीं हैं"
},
{
"title": "तू अपने मार्ग में मुझे जिला",
"body": "जैसे तु चाहता है मुझे वैसे जीना सिखा "
},
{
"title": "मुझे जिला",
"body": "मेरे जीवन को मजबूत बना "
},
{
"title": "तेरा वादा जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर",
"body": "जो वादा तूने तेरा आदर करने वालों से किया है उसे अपने दास के जीवन में पूरा कर"
},
{
"title": "अपने दास ",
"body": "लेखक नम्रता से अपने आप को परमेश्‍वर का दास कहता है"
}
]