hi_psa_tn/119/113.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामेख",
"body": "यह इब्रानी भाषा का पंद्रहवां अक्षर है, इब्रानी भाषा में पद 113-120 की सारी लाईनें इस अक्षर से शुरू होती हैं"
},
{
"title": " दुचित्तों",
"body": "जो तुम्हारी आज्ञाकारिता करने के लिए वचनबध्द नहीं हैं"
},
{
"title": "मेरी आड़ ",
"body": "लेखक परमेश्‍वर को ऐसा स्थान बताता है यहाँ वह खतरे के समय छिप सकता है"
},
{
"title": "मेरी आशा तेरे वचन पर है",
"body": "मैं तुम्हारे वचन पर भरोसा करता हुँ"
},
{
"title": "तेरे वचन",
"body": "यहाँ वचन वो है जो परमेश्‍वर अपने लोगों से कहता है"
}
]