hi_psa_tn/109/21.txt

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Plaintext

[
{
"title": "तू अपने नाम के निमित्त मुझसे बर्ताव कर",
"body": "मेरे साथ दया का बर्ताव कर"
},
{
"title": "अपने नाम के निमित्त ",
"body": "अपनी गवाही के निमित्त "
},
{
"title": "दीन और दरिद्र",
"body": "दोनो का ऎक ही मतलब है कि वह आप अपनी सहायता नहीं कर सकता"
},
{
"title": "मेरा हृदय घायल हुआ है",
"body": "मैं दुख और निराशा से भरा पडा हुँ"
},
{
"title": "मैं ढलती हुई छाया के समान जाता रहा हूँ मैं टिड्डी के समान हूँ",
"body": "मुझे लगता है कि मैं शाम की ढलती छाया के समान और उड जाने वाली टिड्डी के समान मरने ही वाला हुँ"
}
]