hi_psa_tn/10/17.txt

14 lines
658 B
Plaintext

[
{
"title": "तूने नम्र लोगों की अभिलाषा सुनी है",
"body": "जब दबाए हुए लोग तुझे पुकारते हैं तू उनकी जरूरतों को सुनता है"
},
{
"title": "तू उनका मन दृढ़ करेगा",
"body": "तुम उन्हे प्रोत्साहित करता है"
},
{
"title": "ताकि मनुष्य… फिर भय दिखाने न पाए।",
"body": "“आगे से कोई किसी को नहीं डराएगा“"
}
]