hi_psa_tn/07/08.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मेरा न्याय चुका दे",
"body": "उन्हे दिखा कि मैं दोषी नहीं हूँ।"
},
{
"title": "धर्मी को तू स्थिर कर",
"body": "“धर्मीओं को मजबूत कर” या “धर्मीओं को सफल बना”"
},
{
"title": "क्योंकि धर्मी परमेश्‍वर मन और मर्म का ज्ञाता है",
"body": "तू हमारे अन्दरूनी विचारों को जानता है।"
}
]