hi_pro_tn/23/26.txt

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Plaintext

[
{
"title": "समानय जानकारी",
"body": "आयत 17 में नीतिवचन की किताब के एक नए भाग का परिचय शुरू किया गया है।(22:20)"
},
{
"title": "अपना मन मेरी ओर लगा",
"body": "“ध्यान से ध्यान देना”।"
},
{
"title": "तेरी दृष्टि मेरे चालचलन पर लगी रहे",
"body": "“ध्यान से देखना”।"
},
{
"title": "वेश्या… पराई स्त्री",
"body": "लौगिक रूप से अनैतिक महिलाएं दो तरह की होती है। “वेश्या” अविवाहत है, “एक और व्यक्ति की पत्नी” जो शादीशुदा है,"
},
{
"title": "वेश्या गहरा गड्ढा ठहरती है",
"body": "एक वेश्‍या के साथ सोना एक गहरे गड्ढे में गिरने की तरह है।"
},
{
"title": "वेश्या",
"body": "यह शब्द किसी अविवाहित स्त्री को दर्शाते है जो यौन गतिविधिओं में काम करती है, न केवल पैसे के लिए ऐसा करती है।"
},
{
"title": "गहरा गड्ढा… कुएँ के सामान",
"body": "इन दोनो स्थानों “गड्ढे” और “कुँए” में गिरना आसान है और बाहर निकलना बहुत मुश्‍किल है।"
},
{
"title": "पराई स्त्री सकेत कुएँ के समान है।",
"body": "एक और आदमी की पत्नी के साथ सोना अच्छी तरह से कुँए में गिरना है।"
},
{
"title": "कुँए",
"body": "जमिन में एक छेद जिसे लोगों ने पानी पीने के लिए खोदा है।"
},
{
"title": "धर्मी",
"body": "“धर्मी लोग”।"
}
]