hi_pro_tn/09/16.txt

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Plaintext

[
{
"title": "भोला है",
"body": "अपरिपक्व"
},
{
"title": "मुड़कर यहीं आए",
"body": "\"उसका रास्ता छोड़ दो और यहाँ आओ\"।"
},
{
"title": "वह कहती ",
"body": "“महिला की मुर्खता”।(9:13)"
},
{
"title": "जो निर्बुद्धि है, ",
"body": "\"जो बुद्धिमान नहीं है”।"
},
{
"title": "चोरी का पानी मीठा होता है, और लुके-छिपे की रोटी अच्छी लगती है",
"body": "यहाँ स्पष्ट रूप से उस औरत के हँसने की बात कही गयी है कि “तुम मुझे छुप कर रोटी दे सकते हो”।"
},
{
"title": "वहाँ मरे हुए पड़े हैं",
"body": "\"जो लोग अब मरकर उसके पास चले गए हैं“। "
},
{
"title": "अधोलोक के निचले",
"body": "“कब्रिस्तान” मृतकों की दुनिया को दर्शाता है"
}
]