hi_pro_tn/28/27.txt

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Plaintext

[
{
"title": "निर्धन",
"body": "“व्यक्ति”।"
},
{
"title": "निर्धन",
"body": "यह समान्य लोगों को दर्शाता है जैसे कि “गरीब लोग”।"
},
{
"title": "घटी नहीं होती",
"body": "“उसे सभी की जरूरत है”।"
},
{
"title": "जो उससे दृष्टि फेर लेता है* वह श्राप पर श्राप पाता है जो ",
"body": "यह स्पष्ट रूप में कहा जाता है कि वे गरीब व्यक्ति से श्राओ पाता है जैसे कि “गरीब व्यक्ति उन सबकों श्राप देगा जो कोई भी उनकी ओर से आँखे फेर लेगा”।"
},
{
"title": "परन्तु",
"body": "“जो कोई भी”।"
},
{
"title": "उससे दृष्टि फेर लेता है",
"body": "उससे दृष्टि फेर दर्शाता है कि गरीबों की जरूरत का जवाब न देना जैसे कि “अनदेखा करना”।"
},
{
"title": "जब दुष्ट लोग प्रबल होते हैं ",
"body": "इस मुहावरे का अर्थ है कि जब दुष्ट लोग शासन करना शुरू करते है जैसे कि “जब दुष्ट लोग सत्ता में आते है”।"
},
{
"title": "तो मनुष्य ढूँढ़े नहीं मिलते,",
"body": "“लोग छिप जाते है”। जब दुष्ट लोग उठते हैं तो लोग कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, जैसे कि लोग सत्ता में आने वाले लोगों से छिपते हैं, हालांकि वे वास्तव में छिपे नहीं होंगे।"
},
{
"title": "नाश",
"body": "“नष्ट करते है”।"
},
{
"title": "उन्नति",
"body": "“शक्ति से वृद्धि”।"
}
]