hi_pro_tn/28/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": "अंधेर करता है",
"body": "“गलत व्यहार करना”। "
},
{
"title": "वह ऐसी भारी वर्षा के समान है जो कुछ भोजनवस्तु नहीं छोड़ती।",
"body": "गरीब आदमी जो अन्य गरीब लोगों पर अत्याचार करता है, उसकी तुलना एक बारिश से की जाती है जो मुश्‍किल से गिरती है और फसल कांटने को नहीं छोड़ती।"
},
{
"title": "भारी वर्षा",
"body": "यह बारिश के लिए एक रूपक है जो काफी मुश्किल से नीचे आ रही है जिससे फसलों को नीचे से काटा जा सकता है कि “हानिकारक वर्षा”।"
},
{
"title": "व्यवस्था को छोड़ देते हैं",
"body": "“परमेश्‍वर की व्यवसथा को छोड़ दिया”।"
},
{
"title": "व्यवस्था पर चलनेवाले",
"body": "“व्यवस्था रखना” का अर्थ है कि परमेश्‍वर की व्यवस्‍था की आवश्‍यकता है जैसे कि “परमेश्‍वर की व्यवस्था का पालन करना”।"
},
{
"title": "उनका विरोध करते हैं",
"body": "“उनका विरोध करना”। इसका अर्थ है कि “डटकर वोरोध करना”।"
}
]