hi_pro_tn/26/11.txt

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910 B
Plaintext

[
{
"title": "जैसे कुत्ता अपनी छाँट को चाटता है,",
"body": "“जैसे एक कुत्ता अपनी उल्टी खाता है“।"
},
{
"title": "यदि तू ऐसा मनुष्य देखे जो अपनी दृष्टि में बुद्धिमान बनता हो",
"body": "उस व्यक्ति पर विचार करे जो सोचता है कि वह बुद्धिमान है लेकिन ऐसा नहीं है।"
},
{
"title": "तो उससे अधिक आशा मूर्ख ही से है।",
"body": "“मूर्ख व्यक्ति जितना हो सकता है उससे अधिक आसानी से बुद्धिमान बन सकता है“।"
}
]