hi_pro_tn/26/07.txt

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Plaintext

[
{
"title": "जैसे लँगड़े… मूर्खों के मुँह में नीतिवचन होता है।",
"body": "मूर्खों के मुंह में एक कहावत है कि लड़खड़ाते के पैरों की तरह होती है जो नीचे लटक जाते है।"
},
{
"title": " लड़खड़ाते",
"body": "उसके शरीर का भाग।"
},
{
"title": "मूर्खों के मुँह में ",
"body": "“मूर्खों का कहना”।"
},
{
"title": "जैसे पत्थरों के ढेर में मणियों की थैली, ",
"body": "एक पत्थर को एक गोफन से बाँधा गया ताकि इसे फेका न जा सके।"
},
{
"title": "मूर्ख को महिमा देनी होती है",
"body": "“मूर्ख का सम्मान करना”।"
}
]