hi_pro_tn/08/24.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामानय जानकारी:",
"body": "बुद्धि बोलना जारी रखती है।"
},
{
"title": "जब पहाड़ और पहाड़ियाँ स्थिर न की गई थीं, तब ही से मैं उत्‍पन्‍न हुई।",
"body": "यह स्पष्ट किया गया है कि “पहले पहाड़ के ठिकानों को जगह दी गई”। कि “जब परमेश्‍वर ने पहाड़ों की नीव रखी और उन्हें उचित स्थानों मे डाल दिया”।"
}
]