hi_pro_tn/06/34.txt

30 lines
1.4 KiB
Plaintext

[
{
"title": "क्रोधित ",
"body": "“बहुत गुस्सा”।"
},
{
"title": "तब कोई दया नहीं दिखाएगा",
"body": "\"वह“ पड़ोसी जिसकी पत्नी एक और किसी आदमी के साथ व्यभिचार किया है जैसे कि \"जो सीमित नहीं होगा वे दर्द तुम्हारे कारण होगा”।"
},
{
"title": "जब वह बदला लेगा ",
"body": "“जिस पल वे अपना बदला लेता है”।"
},
{
"title": "वह बदला लेगा ",
"body": "यदि एक व्यक्ति बदला लेता है, तो यह उस व्यक्ति को चोट पहुँचाता है जिसने उसे पहले चोट पहुचाई।"
},
{
"title": "मुआवजे",
"body": "\"भुगतान\"।"
},
{
"title": "वह न मानेगा",
"body": "यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि \"तुम्हारे पैसे तुम्हारा मन नहीं बदल सकते”।"
},
{
"title": "प्रस्ताव",
"body": "“वादा”।"
}
]