hi_pro_tn/04/05.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामानय जानकारी:",
"body": "पिता अपने बच्चे को सिखाना जारी रखता है जो उस के पिता ने सिखाया है"
},
{
"title": "बुद्धि को प्राप्त कर",
"body": "“ज्ञान प्राप्त करना”।"
},
{
"title": "भूल न जाना,",
"body": "“याद रखना”।"
},
{
"title": "न छोड़ना",
"body": "“स्वीकार”।"
},
{
"title": "मेरी बातों को",
"body": "यहाँ “मुँह” शब्द व्यक्ति की बात को दर्शाती है कि “जो मैं कह रहा हूँ”।"
},
{
"title": "बुद्धि को न छोड़ और वह तेरी रक्षा करेगी; \\q उससे प्रीति रख और वह तेरा पहरा देगी।",
"body": "लेखक ज्ञान की बात करता है यदि यह एक औरत होती जो व्यक्ति उसके प्रति वफादार होता वे उसकी रक्षा करता।"
},
{
"title": "बुद्धि को न छोड़ ",
"body": "यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “ज्ञान के प्रति वफादार रहना”।"
},
{
"title": "उससे प्यार कर",
"body": "“ज्ञान से प्यार कर”।"
}
]