hi_pro_tn/03/21.txt

18 lines
1.1 KiB
Plaintext

[
{
"title": "ये बातें तेरी दृष्टि की ओट न होने पाए",
"body": "लेखक कुछ न भूलने की बात करता है जैसे कि \" उन्हें मत भूलना“।"
},
{
"title": "तब इनसे तुझे जीवन मिलेगा",
"body": "यहाँ शब्द \"आत्मा\" व्यक्ति को दर्शाती है कि \"वे तुम्हारा जीवन हो जाएगा“।"
},
{
"title": "तुझे जीवन मिलेगा, \\q और ये तेरे गले का हार बनेंगे।",
"body": "एक तरह एहसान के प्रदर्शन के हार के साथ खुद को सजाना चाहिए”।"
},
{
"title": "तुझे जीवन मिलेगा, \\q और ये तेरे गले का हार बनेंगे।",
"body": "\"एक अनुकूल अलंकरण\""
}
]