hi_pro_tn/03/05.txt

18 lines
1.7 KiB
Plaintext

[
{
"title": "सम्पूर्ण मन से",
"body": "यहाँ शब्द “दिल” व्यक्ति के भीतर को दर्शाता है जैसे कि \"तुम्हारा पूरा अस्तित्व“। "
},
{
"title": "तू अपनी समझ का सहारा न लेना",
"body": "लेखक अपनी समझ पर भरोसा करने की बात करता है जैसे कि “समझ\" एक वस्तु है जिस का व्यक्ति सहारा ले सकते हैं। कि “तू अपनी समझ का सहारा न लेना”।"
},
{
"title": "सब तेरे लिए",
"body": "लेखक एक व्यक्ति के कार्यों की बात करता है जैसे कि वे एक रास्ता है, जिस पर व्यक्ति चलता है जैसे कि \" वे सब कुछ जो तुम उसमें करते हो”।"
},
{
"title": "वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा",
"body": "लेखक यहोवा की बात करता है एक व्यक्ति के कार्यों को समृद्ध बनाने के रूप में अगर उस व्यक्ति के कार्यों का रास्ता जिस पर वह चलता है और यहोवा उसे बाधाओं से मुक्त करता है तो \"वह तुम्हें सफलता दे देंगे“।"
}
]