hi_pro_tn/01/18.txt

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Plaintext

[
{
"title": "ये लोग तो अपनी ही हत्या करने के लिये घात लगाते हैं, \\q और अपने ही प्राणों की घात की ताक में रहते हैं।",
"body": "“परन्तु यह व्यक्ति पक्षियों की तुलना में अधिक मूर्ख है।वे अपने खुद के जाल से खुद को मार लेता है”।"
},
{
"title": "सब की चाल ऐसी ही होती है",
"body": "एक व्यक्ति का भाग्य या किस्मत बात करता है जैसे कि एक‍‍ व्यक्ति सड़क पर चलता है जैसे कि “हर एक के लिए ऐसा ही होता है”।"
},
{
"title": "उनका प्राण लालच ही के कारण नाश हो जाता है।",
"body": "एक व्यक्ति खुद नष्ट करने की कोशिश कर रहा है"
}
]