hi_num_tn/10/35.txt

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Plaintext

[
{
"title": "जब-जब सन्दूक का प्रस्थान होता था",
"body": "यहाँ इस सन्‍दूक की बात की जाती है जैसे कि यह एक व्‍यक्‍ति हो जो यात्रा कर रहा है।वास्‍तव में यह पुरुषों द्वारा चलाया जा रहा है जैसे कि “जब भी सन्‍दूक लेकर जाने वाले लोग बाहर निकले”।"
},
{
"title": "“हे यहोवा, उठ,",
"body": "यहाँ वाक्यांश \"उठाना“ यहोवा के लिए एक अनुरोध है, इस मामले में मूसा उसे अपने दुश्मनों से बिखरने के लिए कहता है।"
},
{
"title": "तेरे बैरी तेरे सामने से भाग जाएँ",
"body": "यहाँ मूसा यहोवा के बारे में बोलता है जिससे उनके दुश्‍मन इस्राएल के लोगो के साथ भाग जाते है जैसे कि वे खुद यहोवा से भाग रहे हो।जो तुझसे नफरत करते है तुझसे और तेरे लोगो से दूर कर।"
},
{
"title": "जब-जब वह ठहर जाता था",
"body": "यहाँ इस सन्‍दूक की बात की जाती है जैसे कि यह एक व्‍यक्‍ति हो जो यात्रा कर रहा है।वास्‍तव में यह पुरुषों द्वारा चलाया जा रहा है जैसे कि “जब भी सन्‍दूक बाहर लेकर जाने वाले लोग रुके ”।"
},
{
"title": "हजारों-हजार",
"body": "यह लोगों को द‍र्शाता है।इस का पूरा अर्थ स्‍पष्‍ट किया जाता है कि “कई लोगो की हजारो दासीया थी”।"
}
]