hi_num_tn/06/06.txt

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Plaintext

[
{
"title": "अलग…अलग…अलग रहने",
"body": "यहाँ “अलगाव” का अर्थ है “सर्मपण” जैसे “सर्मपण…सर्मपण…सर्मपण“।"
},
{
"title": "अशुद्ध ",
"body": "जो इंसान परमेश्वर को आध्यात्मिक रूप से अस्वीकार्य या दूषित समझता है, वह इस तरह की बात करता है मानो वह व्यक्ति शारीरिक रूप से अशुद्ध हो। "
},
{
"title": "अलग रहने का",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “उसने खुद को अलग कर लिया”।"
},
{
"title": "अपने अलग रहने के",
"body": "“कि उसने खुद को अलग कर लिया है”।"
},
{
"title": "यहोवा के लिये पवित्र ठहरा रहे।",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “उन्‍होनें खुद को यहोवा के लिए ठहराया”।"
}
]