hi_num_tn/06/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "अलग करने…यह अलग रहे",
"body": "आपने आप को किसी के लिऐ अलग करना अर्थ है कि उस व्‍यक्‍ति को आपने आप को सर्मपित करना।"
},
{
"title": "तब वह दाखमधु ",
"body": "इस वाक्‍यांश का अर्थ है कि उसे ना खाना और ना पीना चाहिऐ जैसे कि “उसे उपभोग नही करना चाहिए”।"
},
{
"title": "दाखमधु का, और न मदिरा का सिरका",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप में कहा जा सकता है कि “सिरका जिसे लोग शराब से बनाते है”।"
},
{
"title": "सिरका ",
"body": "एक शराब का उत्‍पादन जो शराब और अन्‍य मजबूत पेय के लंबे समय तक किण्‍वित किया और खट्टा हो गया।"
},
{
"title": "N/A",
"body": "Note is not avaliable in hindi notes."
},
{
"title": "raisins",
"body": "\"सूखे अंगूर“।\n"
},
{
"title": "यह अलग रहे उतने ",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “वह खुद को मुझसे अलग करता है\"।"
},
{
"title": "",
"body": ""
},
{
"title": "वह बीज से लेकर छिलके तक",
"body": "\"अगूर का कोई भी भाग”।"
}
]