hi_num_tn/22/05.txt

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Plaintext

[
{
"title": "पास दूत भेजे",
"body": "बालाक के पास दूत भेजे।"
},
{
"title": "बोर",
"body": "यह बिलाम के पिता का नाम है।"
},
{
"title": "पतोर",
"body": "यह शहर का नाम है।"
},
{
"title": "जाति भाइयों ",
"body": "“बिलाम की जाति के लोग”।"
},
{
"title": "उसे बुला लाएँ,",
"body": "“बालाक ने बिलाम को बुलाया”। बलाक ने सीधे बलाम से बात नहीं की, बल्कि उन दूतों के माध्यम से किया जो उसने भेजे थे।"
},
{
"title": "भूमि उनसे ढक गई है",
"body": "“वे बहुत से है”।"
},
{
"title": "भूमि उनसे ",
"body": "यह भूमि की सतह को दर्शाता है।"
},
{
"title": "निकाल दें;",
"body": "“उन्‍केम पीछे”।"
},
{
"title": "मैं जानता हूँ कि जिसको तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिसको तू श्राप देता है वह श्रापित होता है।”",
"body": "यह स्‍पष्‍ट रूप में कहा जा सकता है कि “मैं जानता हूँ कि तुम में लोगों को आशिर्वाद और श्राप देने की शक्‍ति है”। "
}
]