hi_num_tn/19/14.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामानय जानकारी:",
"body": "“अशुद्ध“ का विचार परमेश्‍वर को स्‍वीकार्य नहीं है। "
},
{
"title": " हर एक खुला हुआ पात्र, जिस पर कोई ढकना लगा न हो, वह अशुद्ध ठहरे।",
"body": "यहां स्‍पष्‍ट रूप में कहा जा सकता है कि “खुले पत्र केवल तभी साफ रहेगे जब उन पर ढ़कन होगा“।"
},
{
"title": "जो कोई मैदान में तलवार से मारे हुए को",
"body": "यहां स्‍पष्‍ट रूप में कहा जा सकता है कि “जिसे किसी और ने तलवार से मार दिया हो”।"
}
]