hi_num_tn/06/05.txt

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Plaintext

[
{
"title": "उसने अलग रहने की ",
"body": "इस वाक्‍यांश में यहाँ “अलगाव” का अर्थ है “सर्मपण” जैसे कि “समर्पण की कसम“।"
},
{
"title": "वह अपने सिर पर छुरा न फिराए",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “वह किसी भी तरह का छुरा अपने हाथ से इस्‍तेमाल ना करे”।"
},
{
"title": "वे दिन पूरे न हों जिनमें वह यहोवा के लिये अलग रहे ",
"body": "इस वाक्‍यांश में यहाँ “अलगाव” का अर्थ है “सर्मपण” जैसे कि “वह दिन जो यहोवा के लिऐ हम अलग करते है“।"
},
{
"title": "वे दिन पूरे न हों जिनमें वह यहोवा के लिये ",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप में कहा जा सकता है कि “यहोवा पूरा कर रहे है”।"
},
{
"title": "यहोवा के लिये अलग रहे तब तक वह पवित्र ठहरेगा,",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप में कहा जा सकता है कि “उसे खुद को यहोवा के लिए स्‍थापित करना चाहिए”।"
}
]