hi_num_tn/05/08.txt

26 lines
2.7 KiB
Plaintext
Raw Normal View History

[
{
"title": "परन्तु यदि उस मनुष्य का कोई कुटुम्बी न हो जिसे दोष का बदला भर दिया जाए,",
"body": "आमतौर पर गलत व्यक्ति को भुगतान प्राप्त होगा, लेकिन अगर उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है तो भुगतान नजदीकी रिश्तेदार को जाता है।"
},
{
"title": "परन्तु यदि उस मनुष्य का",
"body": "यह स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “वह व्‍यक्‍ति जिसने अन्‍याय किया है”।"
},
{
"title": "उस दोष का जो बदला यहोवा को भर दिया जाए वह याजक का हो",
"body": "अगर एक व्‍यक्‍ति आपने याजक को दोषी के रुप में भुगतान कर सकता है तों इसी तरह वह व्‍यक्‍ति यहोवा को भी भुगतान कर सकता है। "
},
{
"title": "उसके लिये प्रायश्चित किया जाए",
"body": "प्रायश्चित यहाँ आदमी के पाप के लिए किया जाता है।यहाँ यहोवा आदमी के पापों को दर्शाते है जैसे कि “उसके प्रायक्ष्‍चित के लिऐ”।"
},
{
"title": "जितनी पवित्र की हुई वस्तुएँ इस्राएली उठाई हुई भेंट करके याजक के पास लाएँ, ",
"body": "स्‍पष्‍ट रुप में कहा जा सकता है कि “वे वस्‍तूऐं जो इस्राएल के लोग याजक के लिए लाऐ”।"
},
{
"title": "सब मनुष्यों की पवित्र की हुई वस्तुएँ याजक की ठहरें; कोई जो कुछ याजक को दे वह उसका ठहरे।”",
"body": "इन दोनों वाक्यांशोम का एक ही अर्थ है और यह बताने के लिए संयुक्त्त हो सकता है कि किसी व्यक्ति को जो भेट उन्हें दिया जाता हैे।"
}
]