hi_mal_tn/03/10.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामन्‍य जानकारी",
"body": "यहोवा लागातार ईस्‍राऐल के लोगो से बात कर रहा है।"
},
{
"title": "सारे दशमांश",
"body": "“सब दशमांश”"
},
{
"title": "मेरे भवन ",
"body": "“मेरा मंदिर”"
},
{
"title": "कि ऐसा करके मुझे परखो...कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं। ",
"body": "“मुझे परख के देखो.....मैं आकाश की खिड़कीया खौल देता हूँ”"
},
{
"title": "सारी जातियाँ तुम को धन्य कहेंगी",
"body": "“सब जातीया तुमहे जानेगी की तुम धन्‍य हो”"
},
{
"title": "सारी जातियाँ ",
"body": "“सब जातीयो के लोग”"
},
{
"title": " मनोहर देश होगा",
"body": "यहा पे “मनोहर” एक शर्त को दर्शाता है जिसमें कि उस देश में रहने वाले लोग अपने देश मे आनंदित रहेंगे।"
}
]