hi_mal_tn/03/08.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामन्‍य जानकारी",
"body": "यहोवा लागातार ईस्‍राऐल के लोगो से बात कर रहा है।"
},
{
"title": "क्या मनुष्य परमेश्‍वर को धोखा दे सकता है",
"body": "“निश्‍चय ही मनुष्‍य प्रमेशवर को लूट नही सकता”"
},
{
"title": "हमने किस बात में तुझे लूटा है?",
"body": "“निश्‍चय ही हमने तुमको नही लूटा”"
},
{
"title": " दशमांश और उठाने की भेंटों में।",
"body": "“दशमांश और भेटा को मुझसे रख के तुमने मुझे लूटा है”"
},
{
"title": "तुम पर भारी श्राप पड़ा है",
"body": "“निश्‍चय ही मैं तुझे श्राप दूँगा”"
},
{
"title": "तुम मुझे लूटते हो; वरन् सारी जाति ऐसा करती है।",
"body": "“सारी जातीयो में तुम सब ने मुझे लूटा है”"
}
]