hi_jdg_tn/09/38.txt

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Plaintext

[
{
"title": "जबूल",
"body": "यह एक पुरुष का नाम है।"
},
{
"title": "तेरी यह बात कहाँ रही?",
"body": "इस बयानबाजी मे जबूल गाल को डाँटता हुआ कहता है कि आप गर्व से नही बोल रहे है।"
},
{
"title": "तेरी यह बात कहाँ रही, कि अबीमेलेक कौन है कि हम उसके अधीन रहें?",
"body": "सपष्ट रुप से जबूल गाल को डांटता हुआ कह रहा है कि आपने कहा कि हमे शबिमेलेक की सेवा नही करनी चाहिए।"
},
{
"title": "ये तो वे ही लोग हैं जिनको तूने निकम्मा जाना था?",
"body": "सपष्ट रुप से कहा जा सकता है कि जबूल ने उसे चुनोती दी कि “यहाँ इतने पुरुष है कि आप निकम्मे हो”।"
},
{
"title": "निकम्मा",
"body": "“नापसंद”।"
},
{
"title": "गाल ",
"body": "यह एक पुरुष का नाम है।"
},
{
"title": "बहुत से घायल होकर गिर पड़े",
"body": "इस मुहावरे का अर्थ यह है कि “बहुत सारे पुरुष घायल होकर घिरे हुए थे”। "
}
]