hi_jdg_tn/01/14.txt

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Plaintext

[
{
"title": "माँगने को उभारा",
"body": "असका ने ओत्नीएल के आगे आग्रह किया।"
},
{
"title": "भूमि माँगने को उभारा...फिर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उससे पूछा",
"body": "इसका अर्थ यह है कि कबेल ने उसे मैदान दिया था जब उसने इसके लिए आयत १४ मे पूछा था आयत १५ मे अब उस खेत के पानी के बिना झरने की माँग की है।"
},
{
"title": "मुझे आशीर्वाद दे",
"body": "“यह मेरे लिए करो”।"
},
{
"title": "मुझे आशीर्वाद दे; तूने मुझे दक्षिण देश तो दिया है",
"body": "कालेब ने ओत्नीएल से शादी करने के लिए असाह को दिया इस लिए वह शहर मे ओत्नीएल के सअथ"
}
]