Mon Sep 16 2019 14:17:48 GMT+0530 (India Standard Time)
This commit is contained in:
parent
5fd8dfde3a
commit
cdcc5b8b69
|
@ -9,7 +9,7 @@
|
|||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "उसने उनको चारों ओर के शत्रुओं के अधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के सामने ठहर न सके",
|
||||
"body": "यहाँ सपष्ट रुप से कहा जा सकता है कि उन्होने अपने दुश्मनो पर जीत प्राप्त की और उसने अपने शक्तिशाली दुश्मनो को ठहरने ना दिया“। "
|
||||
"body": "यहाँ स्पष्ट रुप से कहा जा सकता है कि उन्होने अपने दुश्मनो पर जीत प्राप्त की और उसने अपने शक्तिशाली दुश्मनो को ठहरने ना दिया“। "
|
||||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था,",
|
||||
|
|
|
@ -1,7 +1,7 @@
|
|||
[
|
||||
{
|
||||
"title": "यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था",
|
||||
"body": "यहोवा यहा व्यक्तियो को उठाने की बात कर रहा है।"
|
||||
"body": "यहोवा यहाँ व्यक्तियो को उठाने की बात कर रहा है।"
|
||||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "उन्हें लूटनेवाले के हाथ से छुड़ाते थे",
|
||||
|
@ -9,7 +9,7 @@
|
|||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे",
|
||||
"body": "“वे अपने न्यायीयो की आज्ञाओ को नही मानते थे।"
|
||||
"body": "वे अपने न्यायीयो की आज्ञाओ को नही मानते थे।"
|
||||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "व्यभिचारिण के समान पराये देवताओं के पीछे चलते",
|
||||
|
|
|
@ -61,7 +61,7 @@
|
|||
"02-06",
|
||||
"02-09",
|
||||
"02-11",
|
||||
"02-16",
|
||||
"02-14",
|
||||
"02-18",
|
||||
"02-20",
|
||||
"03-title",
|
||||
|
|
Loading…
Reference in New Issue