hi_ezr_tn/09/05.txt

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Plaintext

[
{
"title": "की दशा में उठा।",
"body": "यह एक कहने का तरीका था की वह \"शर्मिंदा होकर बैठा हुआ था\""
},
{
"title": "फिर घुटनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमेश्‍वर यहोवा की ओर फैलाकर कहा।",
"body": "\"अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने हाथों को आकाश की ओर खोलते हुए अपनी बाहें फैला दी\""
},
{
"title": "हम लोगों के अधर्म के काम हमारे सिर पर बढ़ गए हैं, और हमारा दोष बढ़ते-बढ़ते आकाश तक पहुँचा है।",
"body": "\"हमने दुष्ट कर्म किए हैं और हम बहुत दोषी हैं\""
}
]