hi_ezk_tn/43/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "उसकी वाणी बहुत से जल की घरघराहट सी हुई।",
"body": "पानी बरसने के शोर के जैसे।"
},
{
"title": "पृथ्वी प्रकाशित हुई।",
"body": "पृथ्वी चमकदार प्रकाश से भरी थी।"
}
]