hi_ezk_tn/40/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": "वह मुझे वहाँ ले गया।",
"body": "यहोवा मुझे उस जगह पर लाया जहाँ इमारतें थीं।"
},
{
"title": "तो मैंने क्या देखा।",
"body": "यहाँ \"देखा\" शब्द से पता चलता है कि यहेजकेल ने जो कुछ देखा उससे वह आश्चर्यचकित था।"
},
{
"title": "सन का फीता।",
"body": "\"सन से बनी रस्सी।\" यह बहुत लंबी दूरी को मापने का एक उपकरण है।"
},
{
"title": "सन।",
"body": "पौधे से बना मजबूत, चिकना कपड़ा। यह कई लोगों द्वारा गर्म स्थानों पर पहना जाता है।"
},
{
"title": "मापने का बाँस।",
"body": "यह शोटी दूरी को मापने का एक उपकरण है।"
},
{
"title": "मनुष्य के सन्तान।",
"body": "इनसान का पुत्र या मानवता का पुत्र। परमेश्‍वर ने यहेयकेल को बुलाया कि वह इस बात पर जोर दे कि वह एक इनसान है। परमेश्‍वर सरवसक्‍तिमान और हमेशा के लिए है लेकिन मनुष्‍य नही। मनुष्‍य।"
},
{
"title": "उस सब पर ध्यान दे",
"body": "के बारे में सोच \"या\" ध्यान दें।"
},
{
"title": "इस्राएल का घराना।",
"body": "इसका अर्थ है वह परिवार जो एक ही घर मे रहता हो। इस्राएली लोगो का झुंड।"
}
]