hi_ezk_tn/36/13.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामान्‍य जानकारी।",
"body": "यह इस्राएल के पहाड़ों के लिए यहोवा का संदेश जारी रखता है।"
},
{
"title": "जो लोग तुम से कहा करते हैं।",
"body": "अन्य राष्ट्र तुम पहाड़ो से कह रहे हैं।"
},
{
"title": "तू मनुष्यों का खानेवाला है।",
"body": "\"तू कई लोगों के मरने का कारण बना हैं।\" शब्द \"तू\" एकवचन है और \"इस्राएल की भूमि\" को दर्शाता है।"
},
{
"title": "अपने पर बसी हुई जाति को निर्वंश कर देता है।",
"body": "तू अपने लोगों के बच्चों के मरने का कारण बना हैं। \"यह सूचित है कि पहाड़ अच्छी फसलें नहीं उगाते थे जिससे यह हुआ।"
},
{
"title": "परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।",
"body": "यहोवा अपने बारे में ऐसे बोल रहा है जैसे वह कोई अन्‍य व्यक्ति हो। मैं, प्रभु यहोवा, यह घोषणा कर रहा हूं।"
},
{
"title": "मैं फिर जाति-जाति के लोगों से तेरी निन्दा न सुनवाऊँगा।",
"body": "मैं अब अन्य राष्ट्रों को तुम्‍हारा अपमान करने की अनुमति नहीं दूंगा।"
},
{
"title": "तुझे जाति-जाति की ओर से फिर निन्दा न सहनी पड़ेगी।",
"body": "लोगों अब तुम्‍हारे शर्म महसूस करने का कोई कारण नहीं होगे।"
},
{
"title": "तुझ पर बसी हुई जाति को तू फिर ठोकर न खिलाएगा।",
"body": "और तुम पहाड़ो को अपने देश की हार का सामना करना पड़ता है।"
}
]