hi_ezk_tn/13/17.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मनुष्य के सन्तान।",
"body": "इनसान का पुत्र या मानवता का पुत्र। मनुष्‍य।"
},
{
"title": "से विमुख होकर।",
"body": "उसके विरुद्ध मजबूत दिवाड़े बना। जिससे लोग शहर से बागने ना पाँए।"
},
{
"title": "लोगों की स्त्रियाँ।",
"body": "इस्राएलियो की स्त्रियाँ।"
},
{
"title": "अपने ही मन से भविष्यद्वाणी।",
"body": "अपनी भविष्यवाणियों की कल्पनाएँ।"
},
{
"title": "विरुद्ध भविष्यद्वाणी।",
"body": "यरूशलेम के साथ होने वाली बुरी बातों के बारे में भविष्यवाणी करना।"
},
{
"title": " तकिया।",
"body": "वह वस्तुँए जिनमें माना जाता है कि जादुई शक्तियां होती हैं।"
},
{
"title": " प्राणियों का अहेर करने को सब प्रकार के मनुष्यों की आँख ढाँपने के लिये कपड़े बनाती हैं।",
"body": " भविष्यवक्‍ताओं द्वार पहनी गई सजावट एक \"जाल\" की तरह थी, क्योंकि वे सौंदर्य, रहस्य और झूठ का इस्तेमाल कर लोगों को बरगला रहे थे ताकि वे उन पर विश्वास करें और परमेश्‍वर के खिलाफ पाप करें।"
}
]