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"title": "सामान्य जानकारी।",
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"body": "यहेजकेल अपने देखे गए एक दुसरे दर्शन के बारे में बता रहा है।"
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},
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"title": "उसने हाथ-सा कुछ बढ़ाकर ",
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"body": "“उसने” शब्द एक इन्सान जैसी प्रतिमा को दर्षा रहा है।"
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},
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"title": "पृथ्वी और आकाश के बीच।",
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"body": "धरती और आकाश के बीच।"
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},
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"title": "परमेश्वर के दिखाए हुए दर्शनों में यरूशलेम मे पहुँचा दिया।",
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"body": "दर्शनों में\" शब्द का अर्थ है कि यह अनुभव यहेजकेल के विचारों में हो रहा है। वह अभी भी अपने घर में था जबकि परमेश्वर उसे ये चीजें दिखा रहे थे।"
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},
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"title": "जिसका मुँह उत्तर की ओर है।",
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"body": "भवन का भीतरी उत्तरी दरवाजा।"
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},
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"title": "वह प्रतिमा जिससे जलन उपजती है।",
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"body": "वह मूर्ति जिसके कारण बड़ी जलन होती है \"या\" वह मूर्ति जिसके कारण परमेश्वर जलन करता है।"
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},
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"title": " परमेश्वर का तेज वैसा ही था जैसा मैंने मैदान में देखा था।",
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"body": "जैसा मैंने मैदान में देखा था, वह वैसा ही था।"
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},
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"title": "मैदान।",
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"body": "समतल भूमि का एक बड़ा क्षेत्र जिसमें कुछ पेड़ होते हैं।"
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}
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