hi_ezk_tn/05/11.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामान्य जानकारी।",
"body": "यहोवा ने इस्राएल और यहुदा के लोगों से बात करना जारी रखा।"
},
{
"title": " जीवन—इसलिए प्रभु यहोवा की यह वाणी है ।",
"body": "यहोवा अपने बारे में ऐसे बोल रहा है जैसे वह कोई अन्‍य व्यक्ति हो। अत: मैं, प्रभु यहोवा, यह घोषणा कर रहा हूं।"
},
{
"title": "मेरे जीवन की सौगन्ध।",
"body": "निश्चित रूप से जैसा मैं रहता हूं।"
},
{
"title": "प्रभु यहोवा",
"body": "यह वह नाम है जो परमेश्‍वर ने पुराने नियम में अपने लोगो पर प्रगट किया था।"
},
{
"title": " पवित्रस्‍थान... अशुद्ध।",
"body": "उन्‍होंने उस जगह को बर्बाद कर दिया जो याहवे ने अपने उपयोग के लिए अलग रखी थी।"
},
{
"title": "अपनी सारी घिनौनी मूरतों। ",
"body": "तुम्‍हारी सभी मूर्तियों के साथ, जिनसे मैं बैर करता हूं \"या\" तुम्‍हारी सभी घिनौनी मूर्तियों के साथ।"
},
{
"title": "और सारे घिनौने कामों से।",
"body": "और सभी घिनौनी चीजों के साथ जो तुम करते हों।"
},
{
"title": "मै तुझ पर दया की दृष्टि न करूँगा।",
"body": "अर्थात मैं तुम पर दया नहीं करुँगा।"
},
{
"title": "तुझ पर कुछ भी कोमलता न करूँगा।",
"body": "मैं तुम्‍हे निश्चित रूप से दण्ड दुंगा।"
},
{
"title": "तेरी एक तिहाई तो मरी से मरेगी।",
"body": "उनमें से कई अकाल के कारण मर जाएंगे।"
}
]