hi_ezk_tn/01/19.txt

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Plaintext

[
{
"title": "जब जीवधारी भूमि पर से उठते थे।",
"body": "कि जब जीवधारी जमीन छोड़ कर हवा में ऊपर चले गए"
},
{
"title": "उनकी आत्मा।",
"body": "संभावित अर्थ यह है कि :प्राणियों को जीवन देने वाली इसी आत्‍मा ने पहियों को भी जीवन दिया।"
},
{
"title": "तब पहिये भी उठते थे।",
"body": "पहिये भी जमीन छोड़ कर हवा में चले गए।"
},
{
"title": "जिधर आत्मा जाना चाहती थी, उधर ही वे जाते।",
"body": "शब्‍द “वे” जीवधारियों को दर्शाता है।"
},
{
"title": "तब ये भी खड़े होते थे।",
"body": "पहिएँ भी जीवधारियों के साथ हवा में उठते थे।"
}
]