Sun Jun 21 2020 17:41:17 GMT+0530 (India Standard Time)
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a6a6b60ab1
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@ -5,18 +5,18 @@
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"title": " मनुष्य के सन्तान।",
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"body": "इनसान का पुत्र या मानवता का पुत्र। परमेश्वर ने यहेयकेल को बुलाया कि वह इस बात पर जोर दे कि वह एक इनसान है। परमेश्वर सरवसक्तिमान और हमेशा के लिए है लेकिन मनुष्य नही। अत: मनुष्य।"
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"body": "इनसान का पुत्र या मानवता का पुत्र। परमेश्वर ने यहेयकेल को बुलाया कि वह इस बात पर जोर दे कि वह एक इनसान है। परमेश्वर सरवसक्तिमान और हमेशा के लिए है लेकिन मनुष्य नही। मनुष्य।"
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},
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"title": "यहोवा की ओर से।",
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"body": "अत: जो याहवे भेजता है \"या\" जो याहवे उसे देता है।"
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"body": " जो यहोवा भेजता है \"या\" जो यहोवा उसे देता है।"
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},
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"title": "मुँह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं।",
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"body": "अत: अपने मुँह से वे कहते हैं कि वे मुझे प्यार करते हैं “या“ अपने मुँह से वे उन चीजों के बारे में बात करते हैं जिनकी वे लालसा करते हैं।"
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"body": " अपने मुँह से वे कहते हैं कि वे मुझे प्यार करते हैं “या“ अपने मुँह से वे उन चीजों के बारे में बात करते हैं जिनकी वे लालसा करते हैं।"
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},
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"title": "उनका मन लालच ही में लगा रहता है।",
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"body": "अत: अपने दिल में वे अपने अनुचित लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।"
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"body": "अपने दिल में वे अपने अनुचित लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।"
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}
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@ -5,7 +5,7 @@
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"title": "तू उनकी दृष्टि में प्रेम के मधुर गीत गानेवाले है।",
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"body": "अत: उन्हें लगता है कि तुम एक प्यारे गीत की तरह हो \"या\" उन्हें लगता है कि तुम्हारे शब्द एक प्यारे गीत की तरह हैं।"
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"body": "उन्हें लगता है कि तुम एक प्यारे गीत की तरह हो \"या\" उन्हें लगता है कि तुम्हारे शब्द एक प्यारे गीत की तरह हैं।"
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},
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{
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"title": "मधुर गीत।",
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@ -444,6 +444,7 @@
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"33-21",
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"33-23",
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"33-25",
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"33-27"
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"33-27",
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"33-30"
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