From 748f9adc5812dbfd713b4dd25072214ea779caef Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: mathewrohit Date: Wed, 17 Jun 2020 18:39:41 +0530 Subject: [PATCH] Wed Jun 17 2020 18:39:40 GMT+0530 (India Standard Time) --- 20/42.txt | 2 +- 20/48.txt | 2 +- 21/01.txt | 4 ++-- manifest.json | 6 +++++- 4 files changed, 9 insertions(+), 5 deletions(-) diff --git a/20/42.txt b/20/42.txt index fda07a2..d74e9c3 100644 --- a/20/42.txt +++ b/20/42.txt @@ -13,6 +13,6 @@ }, { "title": "प्रभु यहोवा की यही वाणी है।", - "body": "याहवे अपने बारे में ऐसे बोल रहा है जैसे वह कोई अन्‍य व्यक्ति हो। अत: मैं, प्रभु यहोवा, यह घोषणा कर रहा हूं।" + "body": " मैं, प्रभु यहोवा, यह घोषणा कर रहा हूं।" } ] \ No newline at end of file diff --git a/20/48.txt b/20/48.txt index 7fb3314..4bd4eaa 100644 --- a/20/48.txt +++ b/20/48.txt @@ -13,6 +13,6 @@ }, { "title": "क्या वह दृष्टान्त ही का कहनेवाला नहीं है?", - "body": "आत: वह केवल कहानियां सुना रहा है" + "body": "वह केवल कहानियां सुना रहा है" } ] \ No newline at end of file diff --git a/21/01.txt b/21/01.txt index 70f503e..dba0ecc 100644 --- a/21/01.txt +++ b/21/01.txt @@ -1,7 +1,7 @@ [ { "title": "मनुष्य के सन्तान।", - "body": "इनसान का पुत्र या मानवता का पुत्र। परमेश्‍वर ने यहेयकेल को बुलाया कि वह इस बात पर जोर दे कि वह एक इनसान है। परमेश्‍वर सरवसक्‍तिमान और हमेशा के लिए है लेकिन मनुष्‍य नही। अत: मनुष्‍य।" + "body": "इनसान का पुत्र या मानवता का पुत्र। मनुष्‍य।" }, { "title": "यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा।", @@ -9,7 +9,7 @@ }, { "title": "अपना मुख यरूशलेम की ओर कर।", - "body": "अत: यरूशलेम के न्‍याय को देख।" + "body": "यरूशलेम के न्‍याय को देख।" }, { "title": "मैं अपनी तलवार म्यान में से खींचकर तुझ में से धर्मी और अधर्मी दोनों को नाश करूँगा।", diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4b1d6bd..0275a2f 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -265,6 +265,10 @@ "20-33", "20-36", "20-39", - "20-40" + "20-40", + "20-42", + "20-45", + "20-48", + "21-title" ] } \ No newline at end of file