hi_ecc_tn/11/06.txt

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Plaintext

[
{
"title": "अपना हाथ न रोक",
"body": "\"काम करते रहें\""
},
{
"title": "यह या वह या दोनों के दोनो।",
"body": "इन दो वाक्यांशों का अर्थ एक ही से बात है और इस बात पर जोर देना है कि मनुष्य का काम समृद्ध हो सकता है चाहे वह किसी भी समय किया हो।अर्थात् “चाहे वह बीज तुम् ने सुबह बोया था चाहे वह बीज जो आपने शाम को बोया था।“"
},
{
"title": "अच्छे निकलेंगे। ",
"body": "यहाँ \"प्रकाश\" शब्द का अर्थ सूर्य को देखने में सक्षम होना और इसलिए जीवित होना है।अर्थात् सूर्य को देखने में सक्षम होना मीठा है\" या \"जीवित होना मीठा है।\""
},
{
"title": "धूप के देखने से आँखों को सुख होता है। ",
"body": "इस वाक्यांश का अर्थ पिछले वाक्यांश के समान है। अर्थात् एक “मनुष्य के लिऐ सूरज देखना\" या \"जीवित होना है\"।"
},
{
"title": "उन सभी में आनन्दित रहे",
"body": "यहां \"उन्हें\" शब्द उन वर्षों को दर्शाता है जो एक मनुष्य जीवित है।"
},
{
"title": " यह स्मरण रखे कि अंधियारे के दिन",
"body": "यहाँ \"अंधेरा\" शब्द मृत्यु को दर्शाता है।अर्थात् कितने दिनों में वह मर जाएगा।"
},
{
"title": "भी बहुत होंगे।",
"body": "यहां \"वे\" शब्द \"अंधेरे के दिनों\" को दर्शाते है। अर्थात् वह जीवित है उससे अधिक दिनों के लिए मर जाएगा\" या \"कितने दिनो तक वह मरेगा”\""
},
{
"title": "जो कुछ होता है।",
"body": "संभावित अर्थ 1) \"सब कुछ जो मृत्यु के बाद होता है\" या 2) \"भविष्य में होने वाली हर चीज।\""
}
]