hi_ecc_tn/09/06.txt

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Plaintext

[
{
"title": "जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है। ",
"body": "जो कुछ भी लोग सूरज के नीचे करते हैं।"
},
{
"title": "अपनी रोटी आनन्द से खाया कर, और मन में सुख मानकर अपना दाखमधु पिया कर",
"body": "यह दो वाक्यांश समान अर्थ साझा करते हैं और जीवन की बुनियादी गतिविधियों का आनंद लेने के महत्व पर जोर देते हैं।"
},
{
"title": "अपनी रोटी आनन्द से खाया कर, ",
"body": "अपने भोजन का आनंद से खाया कर।"
},
{
"title": "मन में सुख मानकर अपना दाखमधु पिया कर",
"body": "यहां \"दिल\" शब्द भावनाओं को दर्शाता है। अर्थात् अपनी दाखमधु खुशी से पी लो।"
},
{
"title": "तेरे वस्त्र सदा उजले रहें, और तेरे सिर पर तेल की घटी न हो।",
"body": "सफेद कपड़े पहनना और तेल से किसी का सिर अभिषेक करना दोनों खुशी और उत्सव के संकेत थे।"
},
{
"title": "तेरे सिर पर तेल की घटी न हो।",
"body": "\"अपने सिर का तेल से अभिषेक करें\""
}
]