hi_ecc_tn/06/09.txt

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Plaintext

[
{
"title": "आँखों से देख लेना",
"body": "एक मनुष्य इन चीजों को देख सकता है अर्थात् वह पहले से ही देख सकता है कि एक मनुष्य के पास क्या है।"
},
{
"title": "मन की चंचलता से उत्तम है।",
"body": "यह उन चीजों को दर्शाता है जो एक मनुष्य है लेकिन वह यह जानने के लिए नही कि उसके पास क्या नहीं है।"
},
{
"title": "यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।",
"body": "शिक्षक का कहना है कि लोग जो कुछ भी करते हैं अर्थात् वह हवा को पकड़ने या हवा को उड़ाने से रोकने की कोशिश करना।"
},
{
"title": "जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है।",
"body": "लोगों ने पहले से मौजूद हर चीज का नाम रखा है।"
},
{
"title": "यह प्रगट है कि वह आदमी है।",
"body": "लोग पहले से ही जानते हैं कि मानव क्या है।"
}
]