hi_ecc_tn/06/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": " किसी पुरुष के सौ पुत्र हों।",
"body": "\"पिता 100 बच्चे\""
},
{
"title": "बहुत वर्ष जीवित रहे और उसकी आयु बढ़ जाए, परन्तु न उसका प्राण प्रसन्‍न रहे ।",
"body": "इन दो वाक्या का अर्थ एक ही बात से है।"
},
{
"title": " न उसकी अन्तिम क्रिया की जाए।, परन्तु न उसका प्राण प्रसन्‍न रहे ",
"body": "\"वह अच्छी चीजों से संतुष्ट नहीं है\""
},
{
"title": " न उसकी अन्तिम क्रिया की जाए।",
"body": "संभावित अर्थ हैं कोई भी उसे दफन नहीं करता है।"
},
{
"title": "वह व्यर्थ ही आया ।",
"body": "\"ऐसा बच्चा व्‍यार्थ पैदा हुवा है\""
},
{
"title": " अंधेरे में चला गया",
"body": "यहाँ शब्द \"अंधेरेर\" या तो मृतकों की दुनिया को या ऐसी चीज़ को दर्शाती है अर्थात् जिसे समझना मुश्किल हैऔर अत में “वह बेवजह मर जाता है।“"
},
{
"title": "उसका नाम भी अंधेरे में छिप गया।",
"body": "\"इसका नाम कोई नहीं जानता\""
}
]