hi_deu_tn/11/29.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामान्य जानकारी",
"body": "मुसा इस्राएलीयों से बतें करना जारी रखता है।"
},
{
"title": "आशीष गिरिज्जीम पर्वत पर से और श्राप एबाल पर्वत पर से सुनाना",
"body": "ऐसा कहा गया आशिष और श्राप पहाड़ों पर रखी हुई व्स्तुएं थी। अत: तुम में से कोई एक गिरिज्जीम पर्वत की चोटी पर खड़े होकर पुकारे कि तुम्हीं कारण हो परमेश्‍वर यहोवा की आशिष के, और दुसरा एबाल पर्वत की चोटी पर खड़े होकर पुकारे कि तुम्हीं कारण हो परमेश्‍वर यहोवा के श्राप के” "
},
{
"title": "गिरिज्जीम पर्वत … एबाल पर्वत",
"body": "यह पहाड़ों के नाम है जो यरदन नदी के पश्चिम दिशा में थे।"
},
{
"title": "क्या वे यरदन के पार … बांज वृक्षों के पास नहीं है?",
"body": "इस्राएली लोग यरदन के पूर्व की दिशा में थे। मुसा लोगों को याद दिलाने के लिए प्रश्न का उपयोग करता है कि यह पहाड़ीयां कहां दपर स्थित है। यह प्रश्न वर्णन के जैसे हो सकता है। “जैसे कि तुम जानते हो वे यरदन के पार … बांज वृक्षों के पास“।"
},
{
"title": "यरदन के पार",
"body": "“यरदन नदी के पश्चिम दिशा पर”"
},
{
"title": "सूर्य के अस्त होने की ओर",
"body": "“पश्चिम दिशा में”"
},
{
"title": "गिलगाल के सामने",
"body": "“गिलगाल के पास” यह उसके जैसा नहीं जो यरीहो के पास था। मुसा दर्शा रहा है कि पास का स्थान जो शेकेम के पास था। "
},
{
"title": "बांज वृक्षों के",
"body": "गिलगाल के पास यह पवित्र वृक्ष थे "
}
]