hi_deu_tn/11/16.txt

26 lines
2.5 KiB
Plaintext

[
{
"title": "सामान्य जानकारी",
"body": "मुसा इस्राएलीयों से बतें करना जारी रखता है।"
},
{
"title": "अपने विषय में सावधान रहो",
"body": "“सावधान रहें” यां “होशियार”"
},
{
"title": "ऐसा न हो कि तुम्हारे मन धोखा खाएँ",
"body": "यहाँ “मन“ व्यक्ति की इच्छाएं यां विचारों को दिखा रहा है। यह क्रियाशील घोषना हो सकती है। “ऐसा न हो कि तुम्हारे विचार तुम्हें धोखा दें” यां “ऐसा न हो कि तुमम अपने आप को धोखा दो”"
},
{
"title": "म बहक कर दूसरे देवताओं की पूजा करने लगो ",
"body": "कहा जा है कि परमेश्‍वर यहोवा का इन्कार करके अन्य देवताओं की पूजा करने लगो, मानो व्यक्ति शारीरिक तौर पर परमेश्‍वर यहोवा से फिरकर अलग दिशा की ओर गया। “तुने अन्य देवताओं की आराधना करना शुरू कीया” "
},
{
"title": " यहोवा का कोप तुम पर भड़के",
"body": "कहा जाता है कि परमेश्‍वर क्रोधित है मानो आग थी जो आरंभ थी। “एसा न हो की परमेश्‍वर यहोवा क्रोधित हो जाए”"
},
{
"title": "वह आकाश की वर्षा बन्द कर दे, और भूमि अपनी उपज न दे",
"body": "कहा जाता है परमेश्‍वर ने आकाश की वर्षा बन्द कर दी मानो आकाश ही बन्द कर दिया हो। अत: “एसा न हो कि वह आकाश से वर्षा गिरानी बन्द कर दे तुम्हारी भूमि अपनी उपज न दे“ "
}
]