Mon Aug 24 2020 17:56:09 GMT+0530 (India Standard Time)
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aaf26c82df
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d094c83046
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@ -1,7 +1,7 @@
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"title": "सामान्य जानकारी",
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"body": "मुसा इस्राएल के कबोलों को आशिष देना जारी रखता है।वह छोटी कविताओं के रूप में आशिषें बोलता है। वह लगातार यूसफ के गोत्र का वर्णन जारी रखता है जो व्यवस्था विवरण 33:13 में आरंभ किया।"
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"body": "मुसा इस्राएल के कबीलों को आशिष देना जारी रखता है।वह छोटी कविताओं के रूप में आशिषें बोलता है। वह लगातार यूसफ के गोत्र का वर्णन जारी रखता है जो व्यवस्था विवरण 33:13 में आरंभ किया।"
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},
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{
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"title": "वह प्रतापी है, मानो गाय का पहलौठा है",
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@ -1,7 +1,7 @@
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{
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"title": "सामान्य जानकारी",
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"body": "मुसा इस्राएल के कबोलों को आशिष देना जारी रखता है।वह छोटी कविताओं के रूप में आशिषें बोलता है। वह लगातार जबूलून और इस्साकार के गोत्रों का वर्णन जारी रखता है मानो वे एक मनुष्य थे इसलिए शब्द तुम्हारा और आदेश आनन्दित यहाँ एक वचन है।"
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"body": "मुसा इस्राएल के कबीलों को आशिष देना जारी रखता है।वह छोटी कविताओं के रूप में आशिषें बोलता है। वह लगातार जबूलून और इस्साकार के गोत्रों का वर्णन जारी रखता है मानो वे एक मनुष्य थे इसलिए शब्द तुम्हारा और आदेश आनन्दित यहाँ एक वचन है।"
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},
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{
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"title": "हे जबूलून, तू बाहर निकलते समय, और हे इस्साकार, तू अपने डेरों में आनन्द करे",
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@ -1,7 +1,7 @@
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"title": "सामान्य जानकारी",
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"body": "मुसा इस्राएल के कबोलों को आशिष देना जारी रखता है।छोटी कविताओं के रूप में आशिषें। "
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"body": "मुसा इस्राएल के कबीलों को आशिष देना जारी रखता है।छोटी कविताओं के रूप में आशिषें। "
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},
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{
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"title": "धन्य वह है जो गाद को बढ़ाता है!",
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@ -1,7 +1,7 @@
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[
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{
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"title": "सामान्य जानकारी",
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"body": "मुसा इस्राएल के कबोलों को आशिष देना जारी रखता है।वह छोटी कविताओं के रूप में आशिषें बोलता है। वह लगातार गाद के गोत्र का वर्णन जारी रखता है जिसे उसने व्यवस्था विवरण 33:20 में आरंभ किया।"
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||||
"body": "मुसा इस्राएल के कबीलों को आशिष देना जारी रखता है।वह छोटी कविताओं के रूप में आशिषें बोलता है। वह लगातार गाद के गोत्र का वर्णन जारी रखता है जिसे उसने व्यवस्था विवरण 33:20 में आरंभ किया।"
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},
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{
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"title": "सरदार के योग्य भाग",
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@ -5,6 +5,6 @@
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},
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{
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"title": "बड़े भय के काम",
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"body": ""
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"body": "किसने यह सब महान काम किए है।"
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}
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@ -530,7 +530,6 @@
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"33-13",
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"33-14",
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"33-16",
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"33-17",
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"33-18",
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"33-20",
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"33-21",
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@ -545,6 +544,7 @@
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"34-01",
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"34-04",
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"34-07",
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"34-09"
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"34-09",
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"34-10"
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}
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