hi_2ki_tn/20/10.txt

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Plaintext

[
{
"title": "“छाया का दस अंश आगे बढ़ना तो हलकी बात है,",
"body": "“यह आसान है कि छाया को दस अंश आगे बड़ाया जाये, क्‍योकि ऐसा करना आम बात है”"
},
{
"title": "आहाज की धूपघड़ी की छाया,",
"body": "“पदचिह्न जो राजा आहाज के लिऐ बनाऐ गये थे”"
}
]