hi_2ki_tn/11/13.txt

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Plaintext

[
{
"title": "पहरुओं की हलचल सुनाई पड़ी।",
"body": "यह सभी सैनिकों द्वारा किए गए शोर को दर्शाता है।"
},
{
"title": "तब वह उनके पास यहोवा के भवन में गई।",
"body": "वह यहोव के भवन में यहा लोगों का इकट्ठ था आई।\""
},
{
"title": "उसने क्या देखा कि राजा रीति के अनुसार खम्भे के पास खड़ा है, ",
"body": "\"जब वह पहुंची, तो राजा योआश को खड़ा देखकर हैरान रह गई।\""
},
{
"title": "खम्भे के ।",
"body": "\"भवन के खम्भे में से एक।\""
},
{
"title": "रीति के अनुसार।",
"body": "\"राजा के खड़े होने की सामान्य जगह थी।\""
},
{
"title": " तुरही बजानेवाले।",
"body": "जो लोग तुरही बजाते थे।"
},
{
"title": "तब अतल्याह अपने वस्त्र फाड़कर।",
"body": "उसने प्रकट करने के लिए अपने कपड़े फाड़ दिए कि वह बहुत परेशान और गुस्से में थी।"
},
{
"title": "राजद्रोह! राजद्रोह!",
"body": "\"तुम गद्दार हो! तुमने मुझे धोखा दिया है!"
}
]